एक गर्म दिन, हनुमान जी वन में घुम रहे थे। वह एक छोटे बच्चे को देखा, जो सूखी धरती पर ऊपर-ऊपर कूद रहा था। हनुमान जी में करुणा आई और उस बच्चे की मदद करने के लिए उनकी ओर गए।
हनुमान जी खुद भी उस ऊँची जगह तक कूदने लगे। उन्होंने बच्चे के पास पहुंचने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया। जब हनुमान जी वहाँ पहुँचे तो बच्चा उन्हें धन्यवाद देकर खुश हुआ।
बच्चा बताया कि वह फलों की खेती करने के लिए यहाँ पर आया था, लेकिन नदी सूख गई है और उसका प्रयास बेकार हो गया। हनुमान जी विचार करने लगे।
हनुमान जी ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करके नदी का जल फिर से बहाना शुरू किया। नदी में पानी भरने के बाद, हनुमान जी बच्चे को आदेश दिया कि वह अब अपनी खेती कर सके।
बच्चा बहुत खुश हुआ और हनुमान जी का धन्यवाद किया। हनुमान जी उसे आशीर्वाद देकर चले गए, और बच्चा अपनी खुशी के संग नई उम्मीदों के साथ अपनी खेती की शुरुआत की।
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