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एक समय की बात है एक राजमहल में बहुत ही सुंदर राजकुमारी रहती थी। उसका नाम था प्रियंका। प्रियंका बहुत ही समझदार और खुशमिजाज बच्ची थी। वह सदा ही मुसीबतों को सुलझाने और अपने लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहती थी। एक दिन, जब प्रियंका नींद में सो रही थी, वह एक सपना देखने लगी। सपने में वह एक खोया हुआ सोने का सिक्का ढूंढ़ रही थी। यह सोना उसके राजमहल के अंदर ही छुपा हुआ था और कोई रास्ता भी नहीं था, जहां प्रियंका उसे ढूंढ़ सकती थी। इसलिए, उसे बाहर निकलना ही पड़ा।
प्रियंका बहुत निराश हो गई थी, लेकिन फिर उसे याद आया कि धैर्य और साहस के बिना वह कभी भी अपना लक्ष्य नहीं पा सकती। इसलिए, उसने चलना शुरू किया। प्रियंका की रास्ता में बहुत सारे रोड़े और गलियां थीं, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह बिना रुके चलती रही। सफर में देर नहीं लगी, और कुछ ही समय में प्रियंका ने सोने के सिक्के को बन्दर के हाथ से छीन लिया। बंदर बहुत रोने लगा, और उसने प्रियंका को भीड़ के बॉस अर के पास बुलाया।
सभी जानवर और लोग दरबार में इकट्ठे हो गए जहां प्रियंका बंदर से माफ़ी मांगने को बोली। प्रियंका ने बंदर से माफी मांगी, और जब बंदर अपनी गलती को स्वीकार कर ली तो उसे प्रियंका को सोना वापस कर देने की इजाजत दे दी गई। इससे सबको बड़ी खुशी हुई और सब ने प्रियंका को बहुत सारी तारीफें सुनाई। इस घटना के बाद से प्रियंका को कोई भी काम करवाने से पहले अपने सपनों और उद्देश्यों का पता अक्सर चेक करने लगा। वह जान गई कि एक आदमी की चाल में बहुत सबक छिपा होता है, और उसे आपसे माफ़ी मांगने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए।
तभी सभी खुशियां लौट आएंगी, और हम सबका मिलकर एक सुंदर दुनिया बना सकेंगे। यही कहानी हमेशा को नींद सुलाने के बाद सुनाइयेगा!
Reflection Questions