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टिड्डा और समझदार बंदर

एक जंगल में टिड्डा और एक समझदार बंदर रहते थे। एक दिन, घास खाने जंगल में टिड्डा चला गया।

जंगल में हरी-भरी टिड्डा और बड़ा आकार, विवेकपूर्ण, बालू भरे बदन

वह बच्चों के पास पहुंचा तो देखा कि वहाँ मेंढ़क बनाने वाले कुछ लोग मंडरा रहे थे।

हरी-भरी टिड्डा चला बच्चों के पास

टिड्डा ने उनसे पूछा, 'क्या आप बता सकते हो मेंढ़क क्यों बनाते हैं?' बच्चों ने कहा, 'वह रात कों सोते समय डरों से बचाए रखने के लिए होती है।'

हरी-भरी टिड्डा ने बच्चों से पूछा

यह सुनकर टिड्डा बच्चों को खुशी के साथ मेंढ़क बना कर उन्हें देने लगा। बच्चे खुश हो गए।

हरी-भरी टिड्डा ने बच्चों के लिए मेंढ़क बनाया

तभी बंदर आ गया और टिड्डा को देखकर उससे पूछा, 'तुम बच्चों के लिए इतना सब कुछ क्यों कर रहे हो?'

बंदर ने हरी-भरी टिड्डा से पूछा

टिड्डा ने कहा, 'मेरे दोस्तों की मदद करने से खुद को खुशी मिलती है।'

हरी-भरी टिड्डा ने बंदर को जवाब दिया

बंदर ने प्यार से टिड्डा को धन्यवाद दिया और उसे दोस्त मान लिया। हमेशा दूसरों की मदद करने में और दोस्त बनाने में खुश रहना चाहिए।

हरी-भरी टिड्डा और बंदर को धन्यवाद देने का समय

The end.

The end

Reflection Questions

  • टिड्डा क्या बनाने लगा बच्चों के लिए?
  • टिड्डा को खुद को खुश कैसे मिलती थी?
  • हमेशा मेहनत करने की आदत क्यों अच्छी होती है?

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